ट्रेंडिंगदेश विदेशहरियाणा

1966 में गठन के समय ऐसा था म्हारा हरियाणा

1966 में गठन के समय ऐसा था म्हारा हरियाणा

  1. 1966 में गठन के समय ऐसा था म्हारा हरियाण

वर्तमान में हरियाणा में 6 मंडल, 22 जिले, 80 उपमंडल, 94 तहसील, 49 उपतहसील, 143 खंड एवं 154 कस्बे हैं। समय-समय पर प्रदेश में नए जिलों का गठन किया जाता रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा की जनसंख्या 2 करोड़ 53 लाख थी। 2021 में होने वाली जनगणना कोरोना की वजह से नहीं हुई। इस समय प्रदेश की अनुमानित आबादी करीब 2 करोड़ 90 लाख है। दरअसल 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा प्रदेश वजूद में आया। उस समय प्रदेश में रोहतक, जींद, हिसार, महेंद्रगढ़, गुडग़ांव, करनाल एवं अंबाला 7 जिले थे। इसके बाद समय-समय पर नए जिलों का गठन किया जाता रहा है। 22 दिसंबर 1972 को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल ने अपने गृह क्षेत्र भिवानी के अलावा सोनीपत को जिला बनाया। इससे पहले भिवानी हिसार जिले का अंग था। इसी तरह से 23 जनवरी 1973 को कुरुक्षेत्र को अलग जिला बनाया गया, जबकि पहले यह करनाल जिले का हिस्सा था। 1 सितंबर 1975 को सिरसा को अलग जिला घोषित किया गया। पहले सिरसा हिसार जिले का हिस्सा होता था। 15 अगस्त 1979 को फरीदाबद को नया जिला बनाया गया। ऐसे ही 1 नवंबर 1989 को कैथल, यमुनानगर, पानीपत एवं रेवाड़ी चार नए जिले बनाए गए थे। इसी प्रकार से 15 जुलाई 1997 को फतेहाबाद एवं झज्जर दो नए जिले बनाए गए। फतेहाबाद पहले हिसार जबकि झज्जर रोहतक जिले का हिस्सा था।  इसी तरह से 15 अगस्त 1998 को पंचकूला, 4 अप्रैल 2005 को नूंह, 15 अगस्त 2008 को पलवल व 1 दिसंबर 2016 को चरखी दादरी को जिला बनाया गया था। पहले दादरी भिवानी जिले का अंग था।
*इस समय हांसी व डबवाली दो हैं पुलिस जिले*
विशेष बात यह है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से अलग जिले बनाने की मांग लगातार उठ रही है। हांसी को अलग जिला बनाने को लेकर स्थानीय लोगों ने अनेक  बार यह मामला उठाया। लोगों की मांग को देखते हुए 19 अप्रैल 2017 को हांसी को पुलिस जिला बनाया गया था। इसके बाद से यहां पर पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति की गई है और आधा दर्जन थाने अब हांसी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंतर्गत आते हैं। इसी तरह से सोनीपत के उपमंडल गोहाना को भी जिला बनाने की मांग होती रही है। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा भी बनकर सामने आया था। ऐसे ही प्रदेश के सबसे बड़े उपमंडल डबवाली को भी अलग से जिला बनाने की मांग स्थानीय लोग कर रहे हैं। यह मुद्दा पूर्व विधायक अमित सिहाग भी कई बार उठा चुके हैं तो वर्तमान विधायक आदित्य देवीलाल ने भी इसको लेकर मुख्यमंत्री को चि_ी लिखी थी। डबवाली के लोगों ने जिला बनाओ समिति का भी गठन किया। पिछले साल 17 अगस्त को डबवाली को सरकार ने पुलिस जिला घोषित कर दिया था। ऐसे ही गुरुग्राम के मानेसर को भी अलग से जिला बनाए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि भौगोलिक नजरिए से छोटे जिलों में विकास की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। इसके साथ ही छोटी प्रशासनिक इकाई में लोगों की समस्याओं का भी तीव्रता से निदान होता है और किसी आपदा की स्थिति में भी प्रशासनिक अमला अधिक होने के चलते स्थिति को नियंत्रित करने में भी कम समय लगता है। छोटी प्रशासनिक इकाइयों में संसाधन एवं सुविधाएं बड़े जिलों की तरह होने के कारण कामकाज में तेजी रहती है। यही वजह है कि आने वाले समय में गोहाना, डबवाली, हांसी एवं मानेसर को जिला बनाए जाने पर नवगठित कमेटी विचार-विमर्श कर सकती है। हालांकि प्रशासनिक लॉबी में एक पक्ष ऐसा भी है जो छोटे-छोटे जिलों के गठन को लेकर ऐतराज जाहिर करता रहा है। इसके पीछे बजट के गड़बड़ाने की स्थिति को तर्क के रूप में रखा जाता रहा है। वैसे हरियाणा में भौगोलिक नजरिए से पंचकूला सबसे छोटा जबकि सिरसा सबसे बड़ा जिला है।
*संभावित शहरों की जिला मुख्यालयों से दूरी*
डबवाली से सिरसा 60
असंध से करनाल 40
गोहाना से सोनीपत 37
हांसी से हिसार 26
मानेसर से गुरुग्राम 18
*डबवाली को जिला बनाने की जरूरत इसलिए*
-प्रदेश का बड़ा उपमंडल
-सिरसा जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूरी
-पहले से बना हुआ है पुलिस जिला
-पंजाब व राजस्थान से सटा है जिला
-भौगोलिक एवं डैमोग्राफिक नजरिए से
-नशे पर अंकुश लगाने के मकसद से
*यह है डबवाली का पूरा स्वरूप*
दरअसल मंडी डबवाली पंजाब, राजस्थान की सीमा से सटा हरियाणा का सबसे बड़ा उपमंडल है और इसमें करीब 71 गांव आते हैं। सीमावर्ती उपमंडल होने के चलते ही 14 मई 2023 को इसे पुलिस जिला घोषित किया गया। 14 अगस्त 2013 को यहां पर एस.पी. समेत करीब पुलिस के 193 स्थायी पद स्वीकृत किए गए। इनमें 3 इंस्पैक्टर, 8 सब इंस्पैक्टर, 16 सहायक पुलिस निरीक्षक, 30 मुख्य सिपाही, 122 सिपाही शामिल हैं। इसके अलावा 77 अनुबंध पर आधारित पद स्वीकृत किए गए। डबवाली की सिरसा जिला मुख्यालय से दूरी 60 किलोमीटर है। हरियाणा के वर्तमान भौगोलिक परिदृश्य को देखें तो सिरसा जिला प्रदेश का सबसे बड़ा भौगोलिक जिला है। सिरसा जिला 4277 वर्ग किलोमीटर में फैला है जबकि पंचकूला 898 वर्ग किलोमीटर के साथ सबसे छोटा जिला है। डबवाली 1058.33 वर्ग किलोमीटर में फैला है। 1883 में यहां रेलवे लाइन आई और नरमा के ट्रैड्रिंग में भी यह अग्रणी क्षेत्र है। अभी हाल में सरकार ने गोहाना को जिला बनाया। गोहाना सोनीपत जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर है। इसी तरह से डबवाली की सिरसा मुख्यालय से दूरी 60 किलोमीटर है जबकि डबवाली के कई गांव तो सिरसा जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार डबवाली की जनसंख्या 2,35,180 थी, जिनमें 1,81,369 पुरुष जबकि 53,811 महिलाएं शामिल थीं। अब यह जनसंख्या अनुमानित 3 लाख के आसपास हो चुकी है। प्रशासनिक कार्यों के लिए डबवाली के लोगों को सिरसा जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। इससे समय, धन एवं ऊर्जा लगती है। कुछ अन्य तथ्य भी डबवाली को जिला बनाने में सहायक  हैं। डबवाली की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि एक तरफ राजस्थान, दूसरी तरफ पंजाब है और यह इलाका राजस्व नजरिए से हरियाणा का हिस्सा है। कॉटन उत्पादन में अव्वल है तो यहां पर सबसे 6 किन्नू के बाग हैं। करीब 20 हजार एकड़ में यहां किन्नू की बागवानी होती है। ऐसे में डबवाली के जिला बनने से जहां यह इलाका विकास में गति पकड़ेगा तो लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए सिरसा नहीं जाना पड़ेगा। कृषि से संबंधित उद्योग लगेंगे तो यहां के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। खास बात यह है कि डबवाली पहले से ही पुलिस जिला है तो यहां पर 100 बिस्तरों का सिविल अस्पताल है। डबवाली में नगरपरिषद भी है।
*जिला बनाने के लिए समिति के सदस्य दे रहे हैं ये तर्क*
जिला बनाओ अभियान समिति डबवाली के सदस्यों सुखवंत सिंह चीमा, सतपाल जग्गा, नरेश सेठी, रवि मोंगा, संजीव शाद, प्यारे लाल सेठी, राजेश जैन काला, विजयंत शर्मा, सुरेंद्र सिंगला, कुलदीपक सहारण, विपिन मोंगा, रवि सहारण का कहना है कि 100 से अधिक संस्थाएं एवं बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतें डबवाली को जिला बनाने को लेकर अपनी सहमति दे चुके हैं। विपक्ष के तमाम नेता डबवाली को जिला बनाने की मांग करने के साथ ही सत्ता में आने पर पहली कलम से जिला बनाने का दावा कर चुके हैं। वैसे समिति के सदस्यों का तर्क है कि  हरियाणा में एक जिले से दूसरे जिले की दूरी 40-45 किलोमीटर से ज्यादा नही है जबकि डबवाली शहर अपने जिला मुख्यालय से ही 60 किलोमीटर दूर है, चौटाला व अन्य गांवों की अपने जिला मुख्यालय से दूरी करीब 90 किलोमीटर तक पड़ती है। जिन शहरों को जिला बनाने के लिए विचार कमेटी कर रही है उनमें से किसी भी शहर की अपने जिला मुख्यालय से दूरी 30-40 किलोमीटर से ज्यादा नही है। इसलिए डबवाली को जिला बनाया जाना सबसे ज्यादा जरुरी व उपयुक्त है। जिला मुख्यालय दूर होने के कारण यहां के लोग हरियाणा सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ लेने से भी वंचित रह जाते हैं। यदि हरियाणा सरकार मंडी डबवाली को पूर्ण जिला बना दे तो हरियाणा, पंजाब व राजस्थान की सीमा पर स्थित इस त्रिवेणी इलाके में विकास के द्वार खुलेंगे व लोगों को भी सुविधा हो जाएगी, सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लोग आसानी से उठा पाएंगे। उन्हें बताया कि डबवाली जिला बनने की सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करता है। सिरसा जिला के अंतर्गत 344 गांव आते हैं जिसे समान रूप से बांटकर डबवाली को पूर्ण जिला बनाया जा सकता है।

*हरियाणा के जिलों का क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर में)*

1. सिरसा 4277

2. हिसार 3983

3. भिवानी 3432

4. जींद 2702

5. फतेहाबाद 2538

6. करनाल 2520

7. कैथल 2317

8. सोनीपत 2260

9. फरीदाबाद 2151

10. महेंद्रगढ़ 1899

11. नूंह 1860

12. झज्जर 1834

13. यमुनानगर 1756

14. रोहतक 1745

15. अंबाला 1568

16. रेवाड़ी 1559

17. कुरुक्षेत्र 1530

18. चरखी दादरी 1370
19. पलवल 1359
20.पानीपत 1268
21. गुरुग्राम 1258
22. पंचकूला 898

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button